चल बिने ल जाबो रे संगी , मउहा के दिन आगे बिनेल जाबो ।…….2
सुत उठके बड़े बिहनिया, टूकनी धर के जाबो।
टुकनी टुकनी मउहा संगी, बीन के हमन लाबो।
झरत हाबे मउहा संगी -2, धर के हमन आबो ।
चल बिने ल जाबो रे संगी, मउहा के दिन आगे बिनेल जाबो ।
लट लट ले फरे हाबे, अब्बड़ ममहाथे ।
खुसबू ल पाके ओकर, भालू घलो आथे ।
जगा जगा फरे मउहा -2, सबोझन खाथे ।
चल बिने ल जाबो ………………………….
डोंगरी पहाड़ चढबो, तेंदू चार लाबो।
आमा अमली फरे हाबे, टोर के हमन खाबो ।
अब्बड़ मजा आही संगी -2, गाना हमन गाबो ।
चल बिने ल जाबो ………………………..
– महेन्द्र देवांगन माटी
पंडरिया छत्तीसगढ़
बहुत बहुत धन्यवाद तिवारी भैया जी